वर्तनी

जिस क्रम और शब्द लिखा गया है उसी क्रम में शब्द के उच्चारण को वर्तनी कहा गया है।

हिंदी में शब्दों के शुद्ध रूप को वर्तनी कहा जाता है। हिंदी में लिखे गए शुद्ध शब्द की मात्राओं को वर्तनी कहा जाता है। वह शब्द किस प्रकार लिखा गया है और उसे लिखने में कौन सी मात्राओं का प्रयोग किया गया है उसे वर्तनी का नाम दिया गया है।

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शब्दों में वर्तनी की अशुद्धियां कई प्रकार से हो सकती है। यह मात्राओं की अशुद्धि, स्वरों की अशुद्धि, कारकों की अशुद्धि, समास की अशुद्धि, संधि की अशुद्धि, व्यंजन की अशुद्धि आदि कई प्रकार से हिंदी के शब्दों में अशुद्धियाँ हो सकती है।

वर्तनी के छः प्रकार की अशुद्धियाँ होती हैं-

  1. मात्राओं और स्वरों के आधार पर अशुद्धियाँ
  2. विसर्ग के आधार पर अशुद्धियाँ
  3. व्यंजन के आधार पर अशुद्धियाँ
  4. समास के आधार पर अशुद्धियाँ
  5. संधि के आधार पर अशुद्धियाँ
  6. हलंत के आधार पर अशुद्धियाँ

1) मात्राओं और स्वरों के आधार पर अशुद्धियाँ

मात्राओं और स्वर के आधार पर शब्दों में अशुद्धियाँ जब शब्दों के उच्चारण में मात्रा या स्वर संबंधी अशुद्धियाँ होती है तो उसे मात्राओं और स्वर के आधार पर अशुद्धियां कहते है। इसमें मात्राओं का प्रयोग भी गलत किया जाता है।

जैसे–    अशुद्ध शब्द।     शुद्ध शब्द

           आनुमानित –    अनुमानित

           वंशिक।  –       वांशिक

          क्षत्रीय  –          क्षत्रिय 

          नलायक          नालायक

         अत्याधिक        अत्यधिक

         सेनिक।            सैनिक

         जेसे।               जैसे

         जिवन।           जीवन

         पुजारन।         पुजारिन

         आंख।           आँख

        अँगुर              अंगूर

दिए गए सभी अशुद्ध शब्दों में मात्राओं और स्वरों की गलती हैं। उनमें सही वर्तनी का प्रयोग नहीं किया गया है। इसलिए शब्दों में स्वरों और मात्रा संबंधी गलतियां मिलती हैं।

2) विसर्ग के आधार पर अशुद्धियाँ

अनेक ऐसे शब्द होते हैं, जहां पर विसर्ग का प्रयोग किया जाता है। अधिकतर विसर्ग का प्रयोग संस्कृत में किया जाता है लेकिन हिंदी भाषा में भी शब्दों के साथ विसर्ग का प्रयोग किया जाता है।

       अशुद्ध शब्द       शुद्ध शब्द

       दुख।                  दुःख

      प्रात काल।            प्रात: काल

     निशुल्क।              नि:शुल्क

     पुन।                    पुन:

    सामान्यत।             सामान्यत:

दिए गए सभी अशुद्ध शब्दों में विसर्ग का प्रयोग नहीं किया गया है। इसलिए इन सभी में विसर्ग की गलतियां है।  

3) व्यंजन के आधार पर 

जब एक व्यंजन की ध्वनि किसी दूसरे व्यंजन के समान होती है तो उसमें उच्चारण और लिखने में अशुद्धियां आती है। जिसे व्यंजन संबंधी अशुद्धियां कहते है। इनका उच्चारण समान होता है लेकिन उनकी वर्तनी अलग होती है।

जैसे– अशुद्ध शब्द      शुद्ध शब्द

            गुन।            गुण

           पुरान।          पुराण

           बासुदेव।       वासुदेव

           बसंत।          वसंत

          बाल्मिकी।      वाल्मीकि

          बिष्णु।           विष्णु

         बीकार।          विकार

         जमुना।           यमुना।

         जजमानी।       यजमानी

       शहज।              सहज

        सामिल।          शामिल

दिए गए सभी अशुद्ध शब्दों में उचित व्यंजन का प्रयोग नहीं किया गया है। इसलिए इनमे गलतियां है। उचित व्यंजन का प्रयोग कर उनकी अशुद्धियों को दूर किया जा सकता है।

4) हलंत संबंधी अशुद्धियाँ

हलंत का प्रयोग किसी शब्द को आधा लिखने और उच्चारण करने के लिए किया जाता है। लेकिन कई बार इसका प्रयोग शब्द में करने से यह पूरे वाक्य को भी आधा प्रतीत करता है। जिससे उसमें अशुद्धियां उत्पन्न हो जाती है। इनका अधिकतर प्रयोग गिनती लिखने में किया जाता है। जिससे उसका प्रयोग गलत हो जाता है।

जैसे–:    अशुद्ध     शुद्ध

          प्रथम्        प्रथम

           परम्       परम

          पठित्       पठित

          सप्तम्      सप्तम

          दशम्       दशम

दिए गए सभी अशुद्ध शब्दों में  हलंत का प्रयोग सही नहीं किया गया है। इसलिए यह शब्द गलत है।

5) संधि संबंधी अशुद्धियाँ

 जब दो या दो से अधिक स्वरों या व्यंजनों की संधि या जोड़ने में कोई गलती हो जाती है तो उसमें संधि संबंधित अशुद्धियां होती है।

जैसे –:।   अशुद्ध।        शुद्ध

             रमीश          रमेश

           सदोपयोग       सदुपयोग

          परमर्थ            परमार्थ

          अभियूक्त        अभियुक्त

         भानूदे।             भानुदय

इन सभी अशुद्ध शब्दों में संधि संबंधित गलतियां है। जिस कारण शब्दों में अशुद्धियां होती हैं।

6) समास संबंधित अशुद्धियाँ

जहाँ पर समास संबंधित अशुद्धियां होती है वह पर या तो एक पद दूसरे पद में मिल जाता है या फिर पूरे पद का एक ही अर्थ निकलता है।

जैसे–: अशुद्ध।     शुद्ध

         राजातंत्र।    राजतंत्र

        निरपराधी।    निरपराध

        प्रक्रीय।         प्रक्रिया

       आत्मापुरुष।    आत्मपुरुष

       पराजतंत्र।        प्रजातंत्र

       रमायन।         रामायण

यहां पर दिए गए अशुद्ध शब्दों में समास संबंधी गलतियां है। इसमें या तो पद का अर्थ ही दूसरे शब्द में मिल गया है या फिर पूरे पद का अर्थ ही एक निकल जाता है। इसलिए इन शब्दों में समास संबंधी गलतियां होती है। इन गलतियों को सही करने के लिए शुद्ध वर्तनी का प्रयोग किया जाता है।

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अधिकतर पूछें गए प्रश्न

1)वर्तनी किसे कहते है?

उत्तर: हिंदी में शब्दों के शुद्ध रूप को वर्तनी कहा जाता है। हिंदी में लिखे गए शुद्ध शब्द की मात्राओं को वर्तनी कहा जाता है। वह शब्द किस प्रकार लिखा गया है और उसे लिखने में कौन सी मात्राओं का प्रयोग किया गया है उसे वर्तनी का नाम दिया गया है। 

शब्दों में वर्तनी की अशुद्धियां कई प्रकार से हो सकती है। यह मात्राओं की अशुद्धि, स्वरों की अशुद्धि, कारकों की अशुद्धि, समास की अशुद्धि, संधि की अशुद्धि, 

व्यंजन की अशुद्धि आदि कई प्रकार से हिंदी के शब्दों में अशुद्धियां हो सकती है।

2)वर्तनी के कितने भेद होते है?

उत्तर:कई प्रकार से हिंदी के शब्दों में अशुद्धियां हो सकती है।

वर्तनी के छः प्रकार की अशुद्धियां होती हैं।

1)मात्राओं और स्वरों के आधार पर अशुद्धियां

2)विसर्ग के आधार पर अशुद्धियां

3)व्यंजन के आधार पर अशुद्धियां

4)समास के आधार पर अशुद्धियां 

5)संधि के आधार पर अशुद्धियां

6)हलंत के आधार पर अशुद्धियां

3)संधि संबंधी वर्तनी किसे कहते है?

उत्तर:जब दो या दो से अधिक स्वरों या व्यंजनों की संधि या जोड़ने में कोई गलती हो जाती है तो उसमें संधि संबंधित अशुद्धियां होती है।

जैसे –:।   अशुद्ध।        शुद्ध

             रमीश          रमेश

4)समास संबंधी वर्तनी किसे कहते है?

उत्तर:जहां पर समास संबंधित अशुद्धियां होती है वह पर या तो एक पद दूसरे पद में मिल जाता है या फिर पूरे पद का एक ही अर्थ निकलता है।

जैसे–: अशुद्ध।     शुद्ध

         राजातंत्र।    राजतंत्र

        निरपराधी।    निरपराध

5)मात्रा और स्वर संबंधी वर्तनी किसे कहते है?

उत्तर:मात्राओं और स्वरों के आधार पर अशुद्धियां–:

मात्राओं और स्वर के आधार पर शब्दों में अशुद्धियां               जब शब्दों के उच्चारण में मात्रा या स्वर संबंधी      अशुद्धियां होती है तो उसे मात्राओं और स्वर के आधार पर अशुद्धियां कहते है। इसमें मात्राओं का प्रयोग भी गलत किया जाता है।

जैसे–    अशुद्ध शब्द।     शुद्ध शब्द

           आनुमानित –    अनुमानित

           वंशिक।  –       वांशिक