शब्दों से मिलकर ही एक वाक्य बनाया जाता है। एक या एक से अधिक वर्णों के मेल से बनी सार्थक इकाई को शब्द कहते हैं। यह इकाई स्वंतत्र होती है।
वर्णों के मेल से शब्द बनते हैं और शब्दों के मेल से वाक्य बनाया जाता है। वाक्य एक से अधिक शब्दों का समूह होता है।
कुछ शब्द तो किसी भी भाषा के मूल शब्द होते हैं और कुछ शब्द किसी अन्य भाषा से लिए जाते हैं।
शब्दों को अनेक प्रकार से जाना जाता है। इनका वर्गीकरण निम्नलिखित चार प्रकार से किया गया है।
- रचना के आधार पर शब्द।
- उत्पत्ति के आधार पर शब्द।
- अर्थ के आधार पर शब्द।
- प्रयोग के आधार पर शब्द।
1)रचना के आधार पर शब्द–:
जब एक शब्द किसी दूसरे शब्द के साथ जुड़ता है तो वह एक अलग अर्थ देता है। एक शब्द एक से अधिक शब्दों के साथ जुड़कर भी एक नया शब्द बनाकर एक नया अर्थ देता है। इस प्रकार अनेक प्रकार से शब्दों की रचना की जा सकती है। रचना के आधार पर शब्दों के तीन भेद होते हैं:
1.रूढ़/मूल शब्द
ऐसे शब्द जिनको अगर अलग किया जाए तो उनका कोई भी अर्थ नहीं निकले तथा जो पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो, उसे रूढ़ शब्द कहलाते हैं
जैसे: कल, कपड़ा, आदमी, घर, घास, पुस्तक, घोड़ा आदि।
2.यौगिक शब्द
जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर कोई नया शब्द बनता है और वह एक नया अर्थ देता है तो उस शब्द को यौगिक शब्द कहते हैं।
जैसे:
देश + भक्ति = देशभक्ति
विद्या + आलय = विद्यालय
3.योगरूढ़ शब्द
ये शब्द जो यौगिक शब्द तो होते हैं लेकिन यह शब्द एक विशेष अर्थ प्रकट करते हैं। यौगिक शब्द से अलग विशेष अर्थ प्रकट करने वाले शब्दों को योग रूढ़ कहते हैं।
जैसे: हिमालय, पीतांबर, नीलकंठ, पंकज, जलद चतुर्भुज आदि।
2)उत्पत्ति के आधार पर शब्द–:
शब्दों की उत्पत्ति कहा से हुई है तथा किस परिस्थिति में शब्दों का प्रयोग किया गया है। यह सभी शब्दों की उत्पत्ति के आधार पर पता चलता है।
उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के चार भेद हैं:
तत्सम
तत्सम शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है।तत् (उसके) + सम (समान) अर्थात उसके समान। जो शब्द संस्कृत भाषा से बिना किसी बदलाव के हिंदी में आ गए हैं, वे तत्सम शब्द कहलाते हैं। इनका प्रयोग हिंदी में भी उसी रूप में किया जाता है, जिस रूप में संस्कृत में किया जाता है,।
जैसे: अग्नि, क्षेत्र, रात्रि, सूर्य, मातृ, पितृ, आदि।
तद्भव
जो शब्द रूप बदलने के बाद संस्कृत से हिन्दी में आए हैं वे तद्भव कहलाते हैं।इनके मूल रूप में परिवर्तन के बाद इन्हें हिंदी भाषा में प्रयोग किया गया है।
जैसे: आग (अग्नि), खेत (क्षेत्र), रात (रात्रि), सूरज (सूर्य), माता (मातृ), पिता (पितृ) आदि।
देशज
देशज शब्दों को क्षेत्रीय शब्द भी कहा जाता है। जो शब्द क्षेत्रीय प्रभाव के कारण परिस्थिति व आवश्यकतानुसार बनकर प्रचलित हो गए हैं वे देशज कहलाते हैं।
जैसे-पगड़ी, गाड़ी, मेहरारूआदि।
विदेशज
विदेशी लोगो के संपर्क से उनकी भाषा के बहुत से शब्द हिन्दी में प्रयुक्त होने लगे हैं। ऐसे शब्द विदेशी अथवा विदेशज कहलाते हैं। यह शब्द रोजमर्रा के जीवन में भी प्रयोग किया जाते है।
जैसे: स्कूल, अनार,कैंची, पुलिस, टेलीफोन, रिक्शा आदि।
अंग्रेजी- कॉलेज, पेंसिल, रेडियो, टेलीविजन, डॉक्टर, लेटर बॉक्स, पैन, टिकट, मशीन, सिगरेट, साइक्ल, बोतल , फोटो, डॉक्टर स्कूल आदि।
फारसी- अनार, चश्मा, जमींदार, दुकान, दरबार, नमक, नमूना, बीमार, बर्फ, रूमाल, आदमी, चुगलखोर, गंदगी, चापलूसी आदि।
अरबी- औलाद, अमीर, कत्ल, कलम, कानून, खत, फकीर,रिश्वत,औरत,कैदी,मालिक, गरीब आदि।
अनेक भाषाओं से अलग अलग शब्दों का प्रयोग हिंदी भाषा में किया जाता है।
3)अर्थ के आधार पर शब्द–:
किसी शब्द का अर्थ किस रूप में प्रयोग किया जा रहा है और किसका वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जा रहा है इसका ज्ञान अर्थ के आधार पर किया जाता है।
अर्थ के आधार पर शब्द छः प्रकार के होते है।
- पर्यायवाची शब्द।
- विलोम शब्द
- समरूप शब्द
- वाक्यांश के लिए एक शब्द
- अनेकार्थी शब्द
- एकार्थी शब्द
1.पर्यायवाची शब्द: जो शब्द किसी शब्द के समान अर्थ बताते है उसे पर्यायवाची शब्द कहते हैं।
2.विलोम/विपरीतार्थक शब्द: जो शब्द एक शब्द के अलग या विपरीत अर्थ देते हैं। वे विलोम शब्द कहलाते हैं।
3.समरूप भिन्नार्थक शब्द: वर्तनी में भी सूक्ष्म अंतर के
कारण जो शब्द सुनने में एक जैसे लगते हैं, परंतु भिन्न अर्थ देते हैं, वे समरूप-भिन्नार्थक शब्द कहलाते हैं।
4.वाक्यांशों के लिए एक शब्द: जिन शब्दों का प्रयोग वाक्यांश अथवा अनेक शब्दों के स्थान पर किया जाता है, ये शब्द पूरे वाक्य के लिए प्रयोग किए जाते हैं।वाक्यांश के लिए एक शब्द अथवा अनेक शब्दों के लिए एक शब्द कहलाते हैं;
5.अनेकार्थी शब्द: जो शब्द एक शब्द के एक से अधिक अर्थ देते हैं, वे अनेकार्थक शब्द कहलाते हैं। ये शब्द संदर्भ या स्थिति के अनुसार अर्थ देते हैं।
6.एकार्थक शब्द: जिन शब्दों का केवल एक ही अर्थ होता है, उन्हें एकार्थक शब्द कहते हैं। इनका प्रयोग केवल एक ही अर्थ में किया जाता है
4)प्रयोग के आधार पर शब्द–:
प्रयोग के आधार पर शब्द के निम्नलिखित दो भेद होते है-1.विकारी शब्द 2.अविकारी शब्द
विकारी शब्द के चार भेद होते है
- संज्ञा
- सर्वनाम
- विशेषण
- क्रिया
अविकारी शब्द के चार भेद होते है
- क्रिया विशेषण
- संबंधबोधक
- समुच्चयबोधक
- विस्मयादिबोधक
1. विकारी शब्द : जिन शब्दों का रूप-परिवर्तन होता रहता है। यह शब्द जो बदलाव के बाद प्रयोग किए जाते है उन्हें विकारी शब्द कहते हैं।
जैसे-कुत्ता, कुत्ते, कुत्तों, मैं मुझे, हमें अच्छा, अच्छे खाते हैं। इनमें संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया विकारी शब्द हैं।
2. अविकारी शब्द : जिन शब्दों के रूप में कभी कोई परिवर्तन नहीं होता है। जो ज्यों के त्यों प्रयोग किए जाते है, वे अविकारी शब्द कहलाते हैं।
जैसे-यहाँ, किन्तु, नित्य हे अरे आदि। इनमें क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक आदि हैं।
अधिकतर पूछे गए प्रश्न–:
1)शब्द से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:शब्दों से मिलकर ही एक वाक्य बनाया जाता है। एक या एक से अधिक वर्णों के मेल से बनी सार्थक इकाई को शब्द कहते हैं। यह इकाई स्वंतत्र होती है।
वर्णों के मेल से शब्द बनते हैं और शब्दों के मेल से वाक्य बनाया जाता है। वाक्य एक से अधिक शब्दों का समूह होता है।
कुछ शब्द तो किसी भी भाषा के मूल शब्द होते हैं और कुछ शब्द किसी अन्य भाषा से लिए जाते हैं।
2)शब्द के कितने भेद है?
उत्तर:शब्दों को अनेक प्रकार से जाना जाता है। इनका वर्गीकरण निम्नलिखित चार प्रकार से किया गया है।
रचना के आधार पर शब्द।
उत्पत्ति के आधार पर शब्द।
अर्थ के आधार पर शब्द।
प्रयोग के आधार पर शब्द।
3)उत्पत्ति के आधार पर शब्द के कितने भेद है?
उत्तर: शब्दों की उत्पत्ति कहा से हुई है तथा किस परिस्थिति में शब्दों का प्रयोग किया गया है। यह सभी शब्दों की उत्पत्ति के आधार पर पता चलता है।
उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के चार भेद हैं:
तत्सम शब्द, तद्भव शब्द, देशज शब्दऔर विदेशज शब्द
4)अर्थ के आधार पर शब्द के कितने भेद है?
उत्तर:किसी शब्द का अर्थ किस रूप में प्रयोग किया जा रहा है और किसका वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जा रहा है इसका ज्ञान अर्थ के आधार पर किया जाता है।
अर्थ के आधार पर शब्द छः प्रकार के होते है।
पर्यायवाची शब्द।
विलोम शब्द
समरूप शब्द
वाक्यांश के लिए एक शब्द
अनेकार्थी शब्द
एकार्थी शब्द
5)रचना के आधार पर शब्द के कितने भेद है?
उत्तर: रचना के आधार पर शब्द के तीन भेद है।
1.रूढ़/मूल शब्द
2.यौगिक शब्द
3.योगरूढ़ शब्द