हिंदी भाषा

हिंदी भाषा

हिंदी शब्द का अर्थ सिंधु शब्द से किया जाता है। सिंधु एक नदी का नाम है। यह नाम ईरानियों द्वारा दिया गया है। संस्कृत की स ध्वनि को फारसी में ह बोला जाता है। सिंधु नदी के आस पास रहने वाले लोगों द्वारा बोली गई भाषा को हिंदी भाषा का नाम दिया गया है।

हिंदी भाषा भारत, नेपाल, भूटान आदि देशों में बोली जाने वाली भाषा है। यह विश्व की एक प्रमुख भाषा है। 

हिंदी भाषा मुख रूप से भारत में अधिक पैमाने पर बोली जाती है। भारत के अधिकारिक और राजकीय कार्य हिंदी भाषा में भी किए जाते हैं।

हिंदी भाषा भारत की राजकीय भाषा है। इसे राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं दिया गया है क्योंकि भारत एक बहुभाषी देश है और यहां अनेक भाषाएं बोली जाती है। देश में शांति और लोगो के बीच सद्भावना बनाए रखने के लिए और कोई भी खुद को अपनी भाषा के लिए निम्न और उच्च न समझे सभी समान रूप से एक दूसरे का सम्मान करे, इसलिए किसी एक भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं दिया गया है। देश में सभी भाषाओं के प्रति एक समान व्यवहार किया जाता है।

हिन्दी भारत की राजभाषा है। 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। भारत में 22 भाषाओं को मान्यता प्राप्त है, जिसमें से हिंदी भाषा भी एक है।

हिन्दी को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। इसे नागरी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदी भाषा के साथ साथ संस्कृत को भी लिपि देवनागरी है। देवनागरी में 11 स्वर और 33 व्यंजन हैं। इसे बाईं से दाईं ओर लिखा जाता है।

हिंदी एक भाषा है लेकिन इसके अंदर अनेक बोलियां बोली जाती है। जो हिंदी भाषा का ही एक रूप होती है। हिन्दी की बोलियों में प्रमुख हैं- अवधी, ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुन्देली, भोजपुरी, हरियाणवी राजस्थानी, छत्तीसगढ़ी, मालवी, नागपुरी, कुमाउँनी, मगही आदि। किन्तु हिन्दी के मुख्य दो भेद हैं – पश्चिमी हिन्दी तथा पूर्वी हिन्दी आदि सभी हिंदी की ओरमुख बोलियां हैं।

हिंदी भाषा को अलग अलग रूप में लिखा जाता है। उसे लिखने के अलग अलग प्रकार हैं। इन्हे लिखने के लिए कुछ नियम और बातों का ध्यान रखना होता है  जिसके कारण ये शैली एक दूसरे से अलग होती है। हिंदी को लिखने के लिए मुख्य रूप से चार प्रकार की शैली मानी गई हैं।

मानक हिन्दी – हिंदी के जिस रूप की लिपि देवनागरी होती है उसे मानक हिंदी कहते हैं। संस्कृत भाषा के ऐसे अनेक शब्द है जिन्होंने अरबी और फारसी भाषा के शब्दों का स्थान ले लिया है।  इसे ‘शुद्ध हिन्दी’ भी कहते हैं। यह खड़ीबोली पर आधारित है, जो दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बोली जाती थी।

दक्षिणी – उर्दू-हिन्दी का वह रूप जो हैदराबाद और उसके आसपास की जगहों में बोला जाता है। इसमें 

फ़ारसी-अरबी के शब्द उर्दू की अपेक्षा कम होते हैं।

रेख्ता – उर्दू का वह रूप जो शायरी में के लिए प्रयोग किया जाता है उसे रेख्ता का जाता है। शायरी के रूप में भी हिंदी भाषा लिखी जाती है। यह तुकबंदी की तरह लिखी जाती है। इसमें लयबद्धता होती है।

उर्दू – हिन्दी का वह रूप जो देवनागरी लिपि के बजाय फ़ारसी-अरबी लिपि में लिखा जाता है। इसमें संस्कृत के शब्द कम होते हैं, और फ़ारसी-अरबी के शब्द अधिक। यह भी खड़ीबोली पर ही आधारित है।

हिंदी भाषा के विकास को रामचंद्र शुक्ल ने तीन भागों में बांटा गया है। इसे आदिकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल में विभाजित किया गया है। जिसमें आदिकाल से आधुनिक काल तक के जितने भी परिवर्तन और विकास हुए है उनको व्याखित किया गया है। भिन्न कालों में अनेक प्रकार के परिवर्तन और विकास हुआ है जिसके कारण आज हिंदी अपने इस रूप में हैं।

हिंदी भारत के लोगों के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अपने विचारों को आदान प्रदान करने के लिए तथा दूसरों को अपनी बात समझाने के लिए साधारण लोग हिंदी भाषा का प्रयोग करते है।

अधिकतर पूछे गए प्रश्न–:

1)हिंदी भाषा का अर्थ क्या है?

उत्तर: हिंदी शब्द का अर्थ सिंधु शब्द से किया जाता है। सिंधु एक नदी का नाम है। यह नाम ईरानियों द्वारा दिया गया है। संस्कृत की स ध्वनि को फारसी में ह बोला जाता है। सिंधु नदी के आस पास रहने वाले लोगों द्वारा बोली गई भाषा को हिंदी भाषा का नाम दिया गया है।

2)हिंदी भाषा किन स्थानों पर बोली जाती है?

उत्तर:हिंदी भाषा भारत, नेपाल, भूटान आदि देशों में बोली जाने वाली भाषा है। यह विश्व की एक प्रमुख भाषा है। 

हिंदी भाषा मुख रूप से भारत में अधिक पैमाने पर बोली जाती है। भारत के अधिकारिक और राजकीय कार्य हिंदी भाषा में भी किए जाते हैं।

3)हिंदी भाषा में कौन – कौन सी बोलियां है?

उत्तर:हिंदी एक भाषा है लेकिन इसके अंदर अनेक बोलियां बोली जाती है। जो हिंदी भाषा का ही एक रूप होती है। हिन्दी की बोलियों में प्रमुख हैं- अवधी, ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुन्देली, भोजपुरी, हरियाणवी राजस्थानी, छत्तीसगढ़ी, मालवी, नागपुरी, कुमाउँनी, मगही आदि। किन्तु हिन्दी के मुख्य दो भेद हैं – पश्चिमी हिन्दी तथा पूर्वी हिन्दी आदि सभी हिंदी की ओरमुख बोलियां हैं।

4)हिंदी भाषा का विभाजन किस प्रकार किया गया है?

उत्तर:हिंदी भाषा के विकास को रामचंद्र शुक्ल ने तीन भागों में बांटा गया है। इसे आदिकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल में विभाजित किया गया है। जिसमें आदिकाल से आधुनिक काल तक के जितने भी परिवर्तन और विकास हुए है उनको व्याखित किया गया है। भिन्न कालों में अनेक प्रकार के परिवर्तन और विकास हुआ है जिसके कारण आज हिंदी अपने इस रूप में हैं।

5)हिंदी की मानक शैली के बारे में बताएं?

उत्तर:हिंदी भाषा को अलग अलग रूप में लिखा जाता है। उसे लिखने के अलग अलग प्रकार हैं। विभिन्न शैलियों का प्रयोग कर हिंदी को लिखा जाता है। जिनमें कुछ नियमों और बातों का ध्यान रखना होता है। उनमें से ही एक शैली मानक हिंदी है।

मानक हिन्दी – हिंदी के जिस रूप की लिपि देवनागरी होती है उसे मानक हिंदी कहते हैं। संस्कृत भाषा के ऐसे अनेक शब्द है जिन्होंने अरबी और फारसी भाषा के शब्दों का स्थान ले लिया है।  इसे ‘शुद्ध हिन्दी’ भी कहते हैं। यह खड़ीबोली पर आधारित है, जो दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बोली जाती थी।

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