निपात

निपात

जब किसी भी बात पर अधिक बल दिया जाता है या उस बात पर अतिरिक्त जोर देने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है, उसे निपात कहते है।

वाक्य को अतिरिक्त भावार्थ प्रदान करने के लिए निपातों का प्रयोग निश्चित शब्द, शब्द-समुदाय या पूरे वाक्य में होता है। निपात को अवधारक भी कहा जाता है।

जैसे- मत, क्यों, नहीं, काश, जल्दी, केवल, हां, यथा- तक, मत, क्या, हाँ, भी, केवल, जी, नहीं, न, काश।

उदाहरण- 

            ‘काश! मैं भी घूमने जाती।’

दिए गए वाक्य में ‘काश’ शब्द का प्रयोग किया गया है जोकि निपात शब्द है।

          ‘ कल मैं भी आपके साथ चलूँगा।’

इस वाक्य में ‘मैं’ शब्द पर बल देने के लिए भी शब्द का प्रयोग किया गया है, जोकि निपात शब्द है।

          ‘रोहन ने तो हद कर दी।’

दिए गया वाक्य में ‘हद’ शब्द पर बल देने के लिए तो निपात शब्द का प्रयोग किया गया है।

निपात ऐसे सहायक शब्द है जिनके खुद के कोई अर्थ नहीं होते हैं।

निपात सहायक शब्द होते है, लेकिन ये निश्चित या पूर्ण वाक्य नही हो सकते है।

निपात शब्दों का वाक्य में प्रश्न पूछना, अस्वीकृति बताना और विस्मयादिबोधक शब्दों और किस बात पर बल देने के रूप में प्रयोग होता है।

उदाहरण–: ‘क्या वह विद्यालय गया था ?’

इस वाक्य में प्रश्न पूछने के लिए ‘क्या’ निपात शब्द का प्रयोग किया गया है।      

              ‘वह घर पर नहीं है।’

दिए गए वाक्य में अस्वीकृति बताने के लिए ‘नहीं’ शब्द का प्रयोग किया गया है। जोकि निपात शब्द का कार्य करता है।            

‘कैसी सुहावनी रात है!’

दिए गया वाक्य में विस्मयादिबोधक प्रयोग करने के लिए निपात शब्द का प्रयोग किया गया है।

                ‘मुझे भी इसका पता है।’

इस वाक्य में ‘मुझे’ शब्द पर बल देने के लिए भी शब्द का प्रयोग किया गया है, जोकि निपात शब्द है।

निपात नौ प्रकार के होते हैं (Nipat Ke Udaharan )

(1)स्वीकारात्मक निपात

(2) नकारात्मक निपात

(3) निषेधात्मक निपात

(4) आदरार्थक निपात

(5) तुलनात्मक निपात 

(6) विस्मयार्थक निपात

(7) बल बोधक निपात 

(8) अवधारणबोधक निपात

(9) आदरसूचक निपात

(1) स्वीकारात्मक निपात

इन वाक्यों में किसी बात को स्वीकारने का अर्थ प्रकट होता है। ऐसे वाक्यों में पूछे गए प्रश्न का उत्तर स्वीकार्य रूप अर्थात हां में ही होता है। ऐसे वाक्यों में हाँ, जी, जी हाँ आदि शब्दों का प्रयोग उत्तर के रूप में होता है।

उदाहरण: प्रश्न- तुम ऑफिस जाते हो ?

             उत्तर- जी।

              प्रश्न- आप बाजार जा रहे हैं ?

              उत्तर- जी हाँ।

‘जी’ तथा ‘जी हाँ’ निपात विशेष आदरसूचक स्वीकारात्मक उत्तर के समय प्रयुक्त होते हैं।

(2) नकारात्मक निपात

ऐसे वाक्यों में प्रश्न का जवाब नहीं के रूप में होता है। इसके लिए नहीं, जी नहीं आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:  प्रश्न: तुम्हारे पास यह कलम है ?

              उत्तर- नहीं।

(3) निषेधात्मक निपात- 

इस प्रकार के वाक्यों में किसी को किसी कार्य के लिए मना या किसी को इनकार करने का बोध होता है।इसके लिए मत शब्द का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण : ‘आज आप मत जाइए।’

            ‘मुझे अपना मुँह मत दिखाना।’

(4) प्रश्नात्मक निपात

 इस प्रकार के वाक्यों में प्रश्न पूजा जाता है। जिसके लिए क्या, न शब्दों का प्रयोग किया जाता है। 

उदाहरण:   ‘तुम्हें वहाँ क्या मिलता है ?’

               ‘तुम अँगरेजी पढ़ना नहीं जानते हो न?’

(5) तुलनात्मक- 

इन वाक्यों में किसी की तुलना की जाती है। यह तुलना किसी से भी की जा सकती है।

तुलना करने के सा, सी आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।  

उदाहरण: ‘इस लड़के सा पढ़ना कठिन है।’

(6) विस्मयबोधक निपात-  

इन वाक्य में विस्मय बोधक शब्दों का प्रयोग किया जाता है और विस्मय बोधक चिन्ह का भी प्रयोग किया जाता है। इनके लिए क्या, काश आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:  ‘क्या सुन्दर लड़की है!’

              ‘काश! वह न गया होता!’

(7) बल बोधक निपात

इन वाक्यों में बल का प्रयोग किया जाता है। किसी बात पर जोर देकर कहा जाता है। इसके लिए तक, भर, केवल, मात्र, सिर्फ, तो, भी, ही शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण: 

            ‘हमने उसका, नाम तक नहीं सुना।’

             ‘मेरे पास पुस्तक भर है।’

           ‘वह केवल सजाकर रखने की वस्तु है।’

            ‘वह मात्र सुन्दर थी, शिक्षित तो नहीं थी।’

(8) अवधारणबोधक निपात-

इन वाक्यों में किसी बात के बारे में निश्चित ज्ञान नहीं होता है। केवल उसके बारे में अनुमान लगाया जाता है। अनुमान लगाने के लिए ठीक, लगभग, करीब आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:  ‘उसने करीब पाँच हजार रुपये दिये।’

        ‘लगभग पाँच लाख विद्यार्थी इस वर्ष परीक्षा दे चुके हैं।’ 

(9) आदरसूचक निपात- 

इन वाक्यों में किसी के लिए आदर की भावना को व्यक्त किया जाता है। किसी के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है। उसके लिए जी शब्द का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:  ‘इन्दिरा जी गांव गई हुई है।’

             ‘गुरु जी आश्रम में है।’

            ‘वर्माजी घर आ गए है।’

अधिकतर पूछे गए प्रश्न:

1. निपात किसे कहते है?

उत्तर: जब किसी भी बात पर अधिक बल दिया जाता है या उस बात पर अतिरिक्त जोर देने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है, उसे निपात कहते है।

वाक्य को अतिरिक्त भावार्थ प्रदान करने के लिए निपातों का प्रयोग निश्चित शब्द, शब्द-समुदाय या पूरे वाक्य में होता है।

2. निपात के कितने भेद है?

उत्तर: निपात नौ प्रकार के होते हैं।

(1)स्वीकारात्मक निपात

(2) नकारात्मक निपात

(3) निषेधात्मक निपात

(4) आदरार्थक निपात

(5) तुलनात्मक

(6) विस्मयार्थक निपात

(7) बलार्थक या परिसीमक निपात

(8) अवधारणबोधक निपात

(9) आदरसूचक निपात

3. तुलनात्मक निपात किसे कहते है?

उत्तर: तुलनात्मक वाक्यों में किसी की तुलना की जाती है। यह तुलना किसी से भी की जा सकती है।

तुलना करने के सा, सी आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण: राधिका का चेहरा चांद सा सुंदर है।

इस वाक्य में राधिका के चेहरे की तुलना चांद से की गई है और उसके लिए सा शब्द का प्रयोग किया गया है।

4. मुझे सिर्फ राम प्रथम स्थान पर चाहिए

वाक्य में कौन सा निपात है?

उत्तर: इस वाक्य में बल बोधक निपात है, क्योंकि इसमें राम पर बल देने के लिए सिर्फ शब्द का प्रयोग किया गया है।

5. नकारात्मक निपात किसे कहते है?

उत्तर:ऐसे वाक्यों में प्रश्न का जवाब नहीं के रूप में होता है। इसके लिए नहीं, जी नहीं आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

जैसे: प्रश्न– क्या तुमने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है?

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