तत्सम शब्द
तत्सम शब्द दो शब्दों तत् + सम् से मिलकर बना है। जिसका मतलब होता है ज्यो का त्यों अर्थात जो जैसा है वैसा ही।
तत्सम शब्द संस्कृत के शब्दों को कहा जाता है। ये वे शब्द है जो संस्कृत से बिना किसी बदलाव और परिवर्तन के हिंदी व्याकरण में प्रयोग किए जाते हैं। इनकी ध्वनि और रूप में कोई भी बदलाव नहीं होता है।
उदाहरण–: अकस्मात, नृत्य, अग्नि, अहंकार, नवीन आदि।
तद्भव शब्द
तद्भव शब्द इसमें उच्चारण सरल हो जाता है। तद्भव का शाब्दिक अर्थ है उससे बने। इनके शब्दों का उच्चारण सरल होता है। ये शब्द संस्कृत भाषा से सरल रूप में परिवर्तित होकर प्रयोग किए जाते हैं।
तत्सम शब्दों में समय, जरूरतों और परिस्थितियों की वजह से बदलाव किए गए है। इस बदलाव से उत्पन्न शब्दों को तद्भव शब्द कहा जाता हैं।
जैसे: ग्राम से गाँव
श्वेत से सफेद
दुग्ध से दूध
तत्सम और तद्भव शब्दों को पहचानने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखा जाता हैं।
तत्सम शब्दों में श का प्रयोग किया जाता है और तद्भव शब्दों में स का प्रयोग किया जाता है।
जैसे: तत्सम शब्द। तद्भव शब्द
शिर। सिर
शाक। साग
शून्य। सूना
शिला। सिला
शत। सौ
शलाका। सलाई
शप्तशती। सतसई
इन सभी तत्सम शब्दों में श वर्ण का प्रयोग किया गया है। जभी तद्भव शब्दों में श वर्ण के स्थान पर स वर्ण का प्रयोग किया गया है।
तत्सम शब्दों में र की मात्रा का प्रयोग किया जाता है।
जैसे–: तत्सम शब्द। तद्भव शब्द
आम्र। आम
आम्रचूर्ण। अमचूर
ग्राम। गांव
ग्रंथि। गांठ
ग्राहक। गाहक
ताम्र। तांबा
धूम्र। धुंआ
निंद्रा। नींद
प्रस्तर। पत्थर
इन सभी तत्सम शब्द में र वर्ण का प्रयोग किया गया है, जबकि तद्भव शब्दों में र वर्ण की मात्रा का प्रयोग नहीं किया गया है। तत्सम शब्दों के उच्चारण में थोड़ी कठिनाइयां होती हैं। लेकिन तद्भव शब्दों के उच्चारण में कठिनाइयां नही होती।
तत्सम शब्दों में व शब्द का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों में ब का प्रयोग किया जाता है।
जैसे–: तत्सम शब्द। तद्भव शब्द
पूर्व। पूरब
वक। बगुला
वानर। बंदर
वधू। बहु
वर्षा। बरसात
चवर्ण। चबाना
इन सभी तत्सम शब्दों में व वर्ण का प्रयोग किया गया है। जभी तद्भव शब्दों में ब वर्ण का प्रयोग किया गया है। इनका बदलाव समय और सरलता के आधार पर किया गया है।
तत्सम शब्दों के पीछे क्ष वर्ण का प्रयोग किया जाता है और तद्भव शब्दों के पीछे ख या छ वर्ण का प्रयोग किया जाता है।
जैसे–: तत्सम शब्द। तद्भव शब्द
अक्षर। अच्छर
अंकरक्षक। अंगरखा
लक्ष्मण। लखन
भिक्षा। भीख
ऋक्ष रीछ
यहां पर सभी तत्सम शब्दों में क्ष वर्ण का प्रयोग किया गया है और तद्भव शब्दों में क्ष वर्ण के स्थान पर ख और छ वर्ण का प्रयोग किया है।
तत्सम शब्दों में ष वर्ण का प्रयोग किया जाता है।
जैसे–: तत्सम शब्द। तद्भव शब्द
कुष्ठ। कोढ़
पुष्प। फूल
कृषक। किसान
अंगुष्ठ। अंगूठा
यहां पर सभी तत्सम शब्दों में ष वर्ण का प्रयोग किया गया है। जबकि तद्भव शब्दों में ष वर्ण का प्रयोग नहीं किया गया है।
तत्सम शब्दों के श्र का प्रयोग किया जाता है और तद्भव शब्दों में स वर्ण का प्रयोग किया जाता है।
जैसे–: तत्सम शब्द। तद्भव शब्द
श्रावण। सावन
श्रृंखला। सांकल
श्रवण। सुनना
श्रृंग। सिंग
इन सभी तत्सम शब्दों में श्र वर्ण का प्रयोग किया गया है, जबकि तद्भव शब्दों में श्र वर्ण का प्रयोग नहीं। किया गया है। इनमे सरलता के आधार पर शब्द में बदलाव किया गया है।
तत्सम शब्दों में ऋ वर्ण की मात्रा का प्रयोग किया जाता है।
जैसे– : तत्सम शब्द। तद्भव शब्द
अमृत। अमिय
गृह। घर
तृण। तिनका
मृत्यु। मौत
घृणा। घिन्न
यहां पर तत्सम शब्दों में ऋ वर्ण का प्रयोग किया गया है, जबकि तद्भव शब्दों में सुविधा के अनुसार वर्णों का प्रयोग किया गया है।
अधिकतर पूछें गए प्रश्न–:
1.तत्सम शब्द किसे कहते है?
उत्तर: तत्सम शब्द दो शब्दों तत् + सम् से मिलकर बना है। जिसका मतलब होता है ज्यो का त्यों अर्थात जो जैसा है वैसा ही।
तत्सम शब्द संस्कृत के शब्दों को कहा जाता है। ये वे शब्द है जो संस्कृत से बिना किसी बदलाव और परिवर्तन के हिंदी व्याकरण में प्रयोग किए जाते हैं। इनकी ध्वनि और रूप में कोई भी बदलाव नहीं होता है।
उदाहरण–: अकस्मात, नृत्य, अग्नि, अहंकार, नवीन आदि।
2.तद्भव शब्द किसे कहते है?
उत्तर: तद्भव शब्द इसमें उच्चारण सरल हो जाता है। तद्भव का शाब्दिक अर्थ है उससे बने। इनके शब्दों का उच्चारण सरल होता है। ये शब्द संस्कृत भाषा से सरल रूप में परिवर्तित होकर प्रयोग किए जाते हैं।
तत्सम शब्दों में समय, जरूरतों और परिस्थितियों की वजह से बदलाव किए गए है। इस बदलाव से उत्पन्न शब्दों को तद्भव शब्द कहा जाता हैं।
जैसे: ग्राम से गाँव
श्वेत से सफेद
3.तत्सम शब्द और तद्भव शब्द पहचानने के क्या नियम है?
उत्तर: तत्सम शब्दों में श का प्रयोग किया जाता है और तद्भव शब्दों में स का प्रयोग किया जाता है।
जैसे: तत्सम शब्द। तद्भव शब्द
शिर। सिर
शाक। साग
तत्सम शब्दों में र की मात्रा का प्रयोग किया जाता है।
जैसे–: तत्सम शब्द। तद्भव शब्द
आम्र। आम
आम्रचूर्ण। अमचूर
तत्सम शब्दों में व शब्द का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों में ब का प्रयोग किया जाता है।
जैसे–: तत्सम शब्द। तद्भव शब्द
पूर्व। पूरब
वक। बगुला
तत्सम शब्दों के पीछे क्ष वर्ण का प्रयोग किया जाता है और तद्भव शब्दों के पीछे ख या छ वर्ण का प्रयोग किया जाता है।
जैसे–: तत्सम शब्द। तद्भव शब्द
अक्षर। अच्छर
अंकरक्षक। अंगरखा
तत्सम शब्दों में ष वर्ण का प्रयोग किया जाता है।
जैसे–: तत्सम शब्द। तद्भव शब्द
कुष्ठ। कोढ़
पुष्प। फूल
तत्सम शब्दों के श्र का प्रयोग किया जाता है और तद्भव शब्दों में स वर्ण का प्रयोग किया जाता है।
जैसे–: तत्सम शब्द। तद्भव शब्द
श्रावण। सावन
श्रृंखला। सांकल
तत्सम शब्दों में ऋ वर्ण की मात्रा का प्रयोग किया जाता है।
जैसे– : तत्सम शब्द। तद्भव शब्द
अमृत। अमिय
गृह। घर
4. कुछ तत्सम शब्दों का वर्णन कीजिए?
उत्तर: कपोत , मातृ, गोधूम, घृत, कोकिल
यू सभी तत्सम शब्द है, क्योंकि इन सभी शब्दों को संस्कृत भाषा से इनके शुद्ध रूप में लिया गया है।
5.कुछ तद्भव शब्दों का वर्णन कीजिए?
उत्तर: कबूतर, माता, गेहूं, घी, कोयल।
ये सभी शब्द तद्भव शब्द हैं, क्योंकि इन सभी शब्दों के संस्कृत रूप में बदलाव कर अपनी सरलता के लिए सरल शब्दों में बदला गया है।